बिहार की आधी से ज्यादा आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस सुनाई मौसम का हिस्सा होंगे. इसी कारण कोरोना काल में पंचायत चुनाव को कई मुश्किल नियमों में बांधा जा रहा है।
1 – यह प्रत्याशी चुनाव नई लड़ पाएंगे
2021 का पंचायत चुनाव नियम-कानूनों से भरा होगा। थोड़ी-सी चूक या अज्ञानता चुनावी मैदान से प्रत्याशी को बाहर कर सकता है। बिहार पंचायत चुनाव आयोग के तरफ से साफ कर दिया गया है कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को कोरोना की वैक्सीन लेना जरूरी होगा। यही नहीं प्रत्याशियों को नामांकन के समय वैक्सीन का सर्टिफिकेट जमा करना पड़ सकता है.
2 – नामांकन राशि तय हो गई है
इस बार पंचायत चुनाव में 6 पदों का चुनाव हो रहा है जिसमें से चार पद EVM द्वारा होगा बाकी दो पदों का वॉलेट पेपर के द्वारा होगा. इसके साथ ही नामांकन लगने वाले फिस भी तय हो चुका है.
- जिला परिषद – ₹ 2000
- मुखिया – ₹ 1000
- समिति – ₹ 1000
- सरपंच – ₹ 1000
- वार्ड सदस्य – ₹ 250
- पंच – ₹ 250.
आरक्षित श्रेणी में एससी, एसटी को नामांकन शुल्क की आधी राशि का प्रावधान किया गया है.
3 – चुनाव में खर्च करने की राशि भी तय हो चुकी है
आयोग के तरफ से कहा गया है कि उम्मीदवार अगर तय राशि से ज्यादा खर्च करते हैं तो उम्मीदवार को वह अयोग्य घोषित कर सकता है. अधिकतम सीमा तय की गई है जो निम्नलिखित है।
- जिला परिषद – ₹ 100000
- मुखिया – ₹ 40,000
- समिति – ₹ 30,000
- सरपंच – ₹ 40,000
- वार्ड सदस्य – ₹ 20,000
- पंच – ₹ 20,000.
4 – प्रत्याशी किसी भी राजनीतिक दल का झंडा या बैनर का प्रयोग नहीं कर सकता है
आयोग के अनुसार अगर कोई भी प्रत्याशी किसी भी राजनीतिक दल के झंडा-बैनर का इस्तेमाल करता है, तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
आप जैसा कि जानते होंगे, पंचायत चुनाव दलगत नहीं हो रहा है। पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगने का कोई भी जुगाड़, ये भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन के दायरे में आएगा। प्रत्याशी के खिलाफ जैसे ही कोई शिकायत आएगी उस पर तुरंत एक्शन होगा.